नमस्कार और स्वागत सभी को! आज हम आपका स्वागत करते हैं बोम जीसस की बेसिलिका की अविस्मरणीय यात्रा पर! यह गोवा का ही नहीं, बल्कि पूरे भारत का एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक गौरव है।
आज के इस भ्रमण में, हम न सिर्फ बोम जीस कला और स्थापत्य की भव्यता का अनुभव करेंगे, बल्कि इसके समृद्ध इतिहास और धार्मिक महत्व को भी जानेंगे।
चाहे आप इतिहास प्रेमी हों, कला के दीवाने हों या फिर आध्यात्मिक शांति की तलाश में हों, बोम जीसस आप सभी के लिए कुछ ना कुछ खास रखता है।
गोवा में स्थित, Basilica of Bom Jesus एक प्रसिद्ध कैथोलिक चर्च है जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल माना है। यह चर्च पुराने गोवा में स्थित है, जो पुर्तगाली भारत की पूर्व राजधानी थी।
यह न सिर्फ अपनी भव्य वास्तुकला के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां सेंट फ्रांसिस जेवियर के पवित्र अवशेष भी रखे हुए हैं, जो गोवा के संरक्षक संत माने जाते हैं।
तो आइए, हम उत्साह के साथ इस यात्रा को शुरू करें और बोम जीसस के रहस्यों को उजागर करें!
Where is Basilica of Bom Jesus? | बेसिलिका ऑफ़ बॉम जीसस कहाँ है?
Basilica of Bom Jesus | बेसिलिका ऑफ़ बॉम जीसस गोवा के पुराने गोवा शहर में स्थित है। यह एमजी रोड पर स्थित है, जो गोवा के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है।
यहां पहुंचने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
- बस: पणजी, मडगांव, या अन्य शहरों से पुराने गोवा के लिए नियमित बसें चलती हैं। बस स्टॉप से बेसिलिका पैदल ही 5 मिनट की दूरी पर है।
- टैक्सी: आप पणजी, मडगांव, या हवाई अड्डे से टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
- अपनी गाड़ी: यदि आप अपनी गाड़ी से जा रहे हैं, तो आप एमजी रोड पर पार्किंग कर सकते हैं।
यहां बेसिलिका का पता दिया गया है:
- पता: एमजी रोड, पुराना गोवा, गोवा 403101
- दूरभाष: +91 832 222 6011
Basilica of Bom Jesus को क्या खास बनाता है? | What Makes the Basilica of Bom Jesus Special?
Basilica of Bom Jesus गोवा में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। आइए देखें कुछ ऐसी खास बातें जो इसे दूसरों से अलग बनाती हैं:
सेंट फ्रांसिस जेवियर का मकबरा | The Tomb of St. Francis Xavier
- पवित्र अवशेष (The Holy Relics): Basilica of Bom Jesus सबसे ज्यादा जानी जाती है सेंट फ्रांसिस जेवियर के पवित्र अवशेषों के लिए। सेंट फ्रांसिस जेवियर को गोवा के संरक्षक संत के रूप में सम्मानित किया जाता है।
- असाधारण संरक्षण (Remarkable Preservation): यह माना जाता है कि उनकी मृत्यु के बाद भी उनका शरीर अविरलित रहा। आज भी उनके अवशेषों को चांदी के एक कलात्मक ‘कास्केट’ में सुरक्षित रखा गया है।
- विशेष दर्शन (Decennial Exposition): हर दस साल में एक विशेष समारोह के दौरान सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवशेषों को दर्शन के लिए सजाकर प्रदर्शित किया जाता है। यह समारोह दुनिया भर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
भव्य बारोक स्थापत्य शैली | The Grand Baroque Architecture
- यूरोपीय प्रभाव (European Influences): Basilica of Bom Jesus 16वीं सदी की यूरोपीय बारोक स्थापत्य शैली का एक बेहतरीन उदाहरण है। काले ग्रेनाइट से निर्मित इसका बाहरी हिस्सा भव्य और आकर्षक लगता है।
- कलात्मक विवरण (Artistic Details): चर्च के बाहरी हिस्से पर Doric और Corinthian शैली के स्तंभों का उपयोग किया गया है। साथ ही, मुखौटे पर बाइबिल की कहानियों को दर्शाती मूर्तियाँ और नक्काशियां इसे और भी खूबसूरत बनाती हैं।
- आकर्षक अंदरूनी भाग (Intricate Interiors): बेसिलिका का आंतरिक भाग भी उतना ही प्रभावशाली है। छत पर जटिल चित्रकारी, सोने से मढ़ी हुई वेदियां, और कलात्मक नक्काशियां चर्च की भव्यता को दर्शाती हैं।
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व | Historical and Religious Significance
- पुराने गोवा का गौरव (Pride of Old Goa): Basilica of Bom Jesus पुराने गोवा में स्थित है, जो पुर्तगाली भारत की पूर्व राजधानी थी। यह चर्च उस समय के इतिहास और वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
- ईसाई धर्म का केंद्र (A Center of Christianity): Basilica of Bom Jesus भारत में ईसाई धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह चर्च कैथोलिक समुदाय के आस्था का केंद्र होने के साथ-साथ ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार का भी एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है।
- विश्व धरोहर स्थल का दर्जा (UNESCO World Heritage Site): 1986 में Basilica of Bom Jesus को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया। यह मान्यता चर्च के ऐतिहासिक, धार्मिक और स्थापत्य महत्व को रेखांकित करती है।
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Basilica of Bom Jesus का इतिहास | The History of the Basilica of Bom Jesus
16वीं शताब्दी में निर्माण कार्य (Construction in the 16th Century)
Basilica of Bom Jesus का इतिहास 400 साल से भी ज्यादा पुराना है। इसकी कहानी 16वीं शताब्दी की शुरुआत में वापस जाती है।
- निर्माण काल (The Period of Construction): चर्च का निर्माण 1594 में शुरू हुआ और 11 साल बाद 1605 में पूरा हुआ।
- नाम की उत्पत्ति (Origin of the Name): “Bom Jesus” शब्द पुर्तगाली भाषा से आया है, जिसका अर्थ “बाल यीशु” या “शिशु यीशु” होता है। चर्च को “बाल यीशु” के सम्मान में बनवाया गया था, जिसे पुर्तगाली में “Bom Jesus” कहा जाता है।
सेंट फ्रांसिस जेवियर का मकबरा का इतिहास | The History of The Tomb of St. Francis Xavier
Basilica of Bom Jesus का इतिहास सेंट फ्रांसिस जेवियर के जीवन और मृत्यु से भी गहराई से जुड़ा हुआ है।
- संरक्षक संत का निधन (Death of the Patron Saint): सेंट फ्रांसिस जेवियर को गोवा के संरक्षक संत के रूप में जाना जाता है। उनकी मृत्यु 1552 में चीन जाते समय हुई थी।
- अंतिम विश्राम स्थल (The Final Resting Place): अपनी इच्छानुसार, सेंट फ्रांसिस जेवियर का पार्थिव शरीर गोवा लाया गया। कहा जाता है कि शरीर को लाते समय भी वह बिल्कुल ताजा था।
- कलात्मक मकबरा (The Artistic Tomb): आज भी उनके अवशेषों को चांदी के एक कलात्मक ‘कास्केट’ में रखा गया है, जो बेसिलिका के अंदर स्थित है। हर दस साल में उनके शरीर को दर्शन के लिए विशेष अवसर पर सजाकर प्रदर्शित किया जाता है।
विश्व धरोहर स्थल का दर्जा | Designation as a World Heritage Site
समय के साथ Basilica of Bom Jesus का महत्व लगातार बढ़ता गया।
- मान्यता प्राप्त (Recognition Achieved): 1986 में Basilica of Bom Jesus को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया।
- पर्यटन स्थल के रूप में विकास (Development as a Tourist Destination): आज Basilica of Bom Jesus न केवल ईसाइयों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, बल्कि गोवा आने वाले पर्यटकों के लिए भी प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।
Basilica of Bom Jesus की स्थापत्य कला | The Architecture of the Basilica of Bom Jesus
भव्य बारोक शैली | The Grand Baroque Style
Basilica of Bom Jesus 16वीं सदी की यूरोपीय बारोक स्थापत्य शैली का एक प्रमुख उदाहरण है। यह शैली भव्यता, नाटकीयता, और जटिल सजावटों पर जोर देती है। बेसिलिका का बाहरी हिस्सा काले ग्रेनाइट से बना है, जो इसे एक विशिष्ट और शानदार रूप देता है।
यूरोपीय प्रभावों का मिश्रण | A Blend of European Influences
चर्च के बाहरी हिस्से को देखने पर यूरोपीय स्थापत्य शैली के विभिन्न प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। प्रवेश द्वार के ऊपर Doric स्तंभों का उपयोग किया गया है, वहीं ऊपरी स्तरों पर Corinthian शैली के स्तंभ देखने को मिलते हैं।
इसके अलावा, मुखौटे पर विभिन्न मूर्तियों और नक्काशियों को शामिल किया गया है, जो बाइबिल की कहानियों को दर्शाती हैं.
विस्तृत अंदरूनी भाग | The Elaborate Interiors
बेसिलिका का आंतरिक भाग भी उतना ही प्रभावशाली है। छत पर जटिल चित्रकारी की गई है, जो बाइबिल के दृश्यों और संतों के जीवन को दर्शाती है. वेदियों को सोने से मढ़ा गया है और जटिल नक्काशियों से सजाया गया है।
चर्च के अंदर कई चैपल भी हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी कलाकृतियाँ और सजावट हैं।
सेंट फ्रांसिस जेवियर का मकबरा | The Tomb of St. Francis Xavier
चर्च की सबसे महत्वपूर्ण स्थापत्य विशेषताओं में से एक सेंट फ्रांसिस जेवियर का मकबरा है। यह मकबरा एक कलात्मक रूप से डिज़ाइन किया गया चांदी का ‘कास्केट’ है, जिसे चार स्तंभों पर रखा गया है।
मकबरे के ऊपर एक विशाल मकबरा है, जो संत को दर्शाता है। यह मकबरा न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि बेसिलिका की कलात्मकता का भी एक शानदार उदाहरण है।
यहाँ कैसे पहुँचा जा सकता है ? | How to reach here?
हवाई जहाज द्वारा (By Air): गोवा की सबसे नजदीकी हवाई अड्डा दabolim गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा मडगाँव से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। हवाई अड्डे से आप टैक्सी या प्रीपेड टैक्सी लेकर Basilica of Bom Jesus तक पहुँच सकते हैं।
ट्रेन द्वारा (By Train): गोवा में कई रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख मडगाँव रेलवे स्टेशन है। स्टेशन से आप टैक्सी या रिक्शा लेकर बेसिलिका तक जा सकते हैं।
सड़क मार्ग से (By Road): आप सड़क मार्ग से भी गोवा जा सकते हैं। गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग NH 66 पर स्थित है। आप बस या अपनी कार से Basilica of Bom Jesus तक जा सकते हैं।
गोवा में (Within Goa): एक बार गोवा पहुँचने के बाद, आप कई तरीकों से Basilica of Bom Jesus तक पहुँच सकते हैं:
- बस द्वारा: आप पणजी से पुरानी गोवा के लिए बस ले सकते हैं। बसें नियमित रूप से चलती हैं और यात्रा में लगभग 45 मिनट लगते हैं। पुरानी गोवा पहुँचने के बाद, आप बेसिलिका तक पैदल चल सकते हैं या रिक्शा ले सकते हैं।
- टैक्सी द्वारा: आप पणजी या मडगाँव से टैक्सी किराए पर लेकर सीधे Basilica of Bom Jesus तक जा सकते हैं। यह सबसे सुविधाजनक विकल्प है, लेकिन थोड़ा महंगा हो सकता है।
- स्कूटर किराये पर लेकर: आप गोवा में स्कूटर किराए पर ले सकते हैं और अपने अनुसार घूम सकते हैं। यह बजट के अनुकूल विकल्प है और आपको अपने हिसाब से घूमने की आजादी देता है।
Basilica of Bom Jesus के आसपास होटल | Hotels near Basilica of Bom Jesus
- Old Goa Residency – सुविधाजनक कमरे वाला किफायती होटल, कुछ कमरों में एयर कंडीशनर के साथ, साथ ही एक गार्डन और रेस्टोरेंट भी है. कीमत: ₹1,627 प्रति रात.
- द व्हाइट बाल्काओ – कीमत: ₹1,803 प्रति रात.
- मोराडिया डॉस क्वाड्रोस होम – कीमत: ₹1,119 प्रति रात.
- Vasco Residency – कीमत: ₹2,071 प्रति रात.
- होटल ट्रैवलर्स इन गोवा – बाइक किराए पर लेने की सुविधा और निःशुल्क वाई-फाई offering वाला किफायती होटल में हवादार कमरे. कीमत: ₹1,394 प्रति रात.
Basilica of Bom Jesus के आसपास रेस्टोरेंट | Restaurants near Basilica of Bom Jesus
- रत्नासागर फैमिली रेस्टोरेंट एंड बार – गूगल मैप्स पर 4 स्टार रेटिंग वाला रेस्टोरेंट.
- विवा गोवा – गूगल मैप्स पर 4.1 स्टार रेटिंग वाला रेस्टोरेंट.
- शांभवी रेस्टोरेंट – गूगल मैप्स पर 3.9 स्टार रेटिंग वाला रेस्टोरेंट.
- आदलम गोवा – गूगल मैप्स पर 4.6 स्टार रेटिंग वाला रेस्टोरेंट.
- तिरूमलाई रेस्टोरेंट – गूगल मैप्स पर 3.4 स्टार रेटिंग वाला रेस्टोरेंट.
अब आपकी बारी है!
Comments में नीचे बताएं कि क्या आपने कभी बेसिलिका का दौरा किया है और आपका अनुभव कैसा रहा।
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उम्मीद है, इस ब्लॉग ने आपको बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस की यात्रा की योजना बनाने में मदद की है। अपने गोवा ट्रिप को यादगार बनाने के लिए बेझिझक इस आश्चर्यजनक चर्च को अपने यात्रा कार्यक्रम में शामिल करें! Sign Out!
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FAQs :-
Q.1. Basilica of Bom Jesus कहाँ स्थित है?
Ans.- गोवा की राजधानी पणजी से करीब 10 किलोमीटर दूर पुराने गोवा में.
Q.2. Basilica of Bom Jesus किस लिए प्रसिद्ध है?
Ans.- सेंट फ्रांसिस जेवियर के मकबरे और बारोक स्थापत्य शैली के लिए.
Q.3. Basilica of Bom Jesus का निर्माण कब हुआ था?
Ans.- 1594 में शुरू हुआ और 1605 में पूरा हुआ.
Q.4. सेंट फ्रांसिस जेवियर कौन थे?
Ans.- गोवा के संरक्षक संत, जिन्हें चर्च के अंदर दफनाया गया है.
Q.5. क्या Basilica of Bom Jesus को देखने के लिए कोई शुल्क है?
Ans.- जी हाँ, बेसिलिका के अंदर जाने के लिए प्रवेश शुल्क है.
Q.6. Basilica of Bom Jesus खुलने का समय क्या है?
Ans.- आमतौर पर सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे के बीच खुलती है, लेकिन ये समय बदल भी सकता है, इसलिए जाने से पहले जांच कर लें.
Q.7. क्या सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवशेष हमेशा देखे जा सकते हैं?
Ans.- नहीं, उनके अवशेषों को हर 10 साल में एक विशेष अवसर पर ही दर्शन के लिए निकाला जाता है.
Q.8. Basilica of Bom Jesus तक कैसे पहुंचे?
Ans.- हवाई जहाज, ट्रेन या सड़क मार्ग से गोवा पहुँच कर फिर बस, टैक्सी या रिक्शा द्वारा.
Q.9. Basilica of Bom Jesus के आसपास घूमने में कितना समय लगता है?
Ans.- बेसिलिका को देखने में ही लगभग 1-2 घंटे लग सकते हैं, आसपास के अन्य स्थलों को मिलाकर पूरा दिन भी लग सकता है.