विजयनगर साम्राज्य : एक परिचय
स्थापना : 1336 ईस्वी संस्थापक : हरिहर और बुक्का राय राजधानी : विजयनगर (आधुनिक हम्पी) शासनकाल : 310 वर्ष (1336-1646 ईस्वी)
विजयनगर साम्राज्य का उत्थान
> दिल्ली सल्तनत के कमजोर होने का लाभ > दक्षिण भारत को एकजुट करना > मजबूत सेना और नौसेना का निर्माण > व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देना
विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग
> कृष्णदेवराय का शासनकाल (1509- 1529 ईस्वी) > कला, संस्कृति और साहित्य का विकास > विजयनगर साम्राज्य का चरमोत्कर्ष
विजयनगर साम्राज्य का पतन
> आंतरिक कलह > बाहरी आक्रमण > तालीकोटा की लड़ाई (1565 ईस्वी) > विजयनगर साम्राज्य का विघटन
विजयनगर साम्राज्य की विरासत
> कला और संस्कृति का योगदान > स्थापत्य कला की उत्कृष्ट कृतियाँ > दक्षिण भारत की समृद्ध विरासत का प्रतीक
विजयनगर साम्राज्य का प्रशासन
पदानुक्रम : राजा, प्रधानमंत्री, सेनापति, ग्राम मुखिया आदि। भूमि व्यवस्था : भूमि पर कर लगाया जाता था। न्याय व्यवस्था : न्याय सुनिश्चित करने के लिए कानून और दंड विधान थे।
साम्राज्य की कला और संस्कृति
> विजयनगर के मंदिरों, महलों और सभा भवनों का निर्माण > विजयनगर की मूर्तिकला -गणेश,नृत्य करती हुई शिव पार्वती आदि > विजयनगर की चित्रकला - जीवंत रंग और विस्तृत विवरण
विजयनगर साम्राज्य का धर्म
> हिंदू धर्म मुख्य धर्म था। > अन्य धर्मों को भी सम्मान दिया जाता था। > मंदिरों का निर्माण और मंदिर उत्सवों का आयोजन
विजयनगर साम्राज्य की यात्रा
> हम्पी: विजयनगर साम्राज्य के खंडहर > विरुपाक्ष मंदिर: हम्पी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर > हज़ार राम मंदिर : स्तंभों वाला विशाल मंदिर > हत्ती का मैदान: शाही जुलूस निकाला जाता था